आशा तो बड़ी चीज है और फिर बच्चों की, आशा उनकी कल्पना तो राई को, पर्वत बना देती है। Premchand
अचकन में फूल लगाते थे, हमेशा ही मुस्कुराते थे, बच्चों से प्यार जताते थे, चाचा नेहरू प्यारे थे |
आज का दिन है बच्चों का, कोमल मन का और कच्ची कलियों का, मन के सच्चे ये प्यारे बच्चे, चाचा नेहरु को हैं प्यारे बच्चे, हैप्पी बाल दिवस |